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भारत ने गरबा नृत्य को यूनेस्को की सांस्कृतिक सूची में के लिए नामित किया

भारत ने गरबा नृत्य को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की सांस्कृतिक सूची में शामिल किए जाने के लिए नामित किया है.

मुख्य बिन्दु

  • भारत ने गरबा नृत्य को 2022 के लिए ‘यूनेस्को की अदृश्य सांस्कृतिक विरासत’ में शामिल किए जाने के लिए नामित किया है.
  • इससे पहले वर्ष 2021 में दुर्गा पूजा को यूनेस्को की अदृश्य सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया गया था.
  • यूनेस्को के निदेशक ऐरिक फॉल्ट ने कहा है कि यूनेस्को की अगली बैठक नवम्बर में होगी और आशा है कि गरबा को यूनेस्को की अदृश्य सांस्कृति विरासत सूची में शामिल कर लिया जाएगा.
  • भारत को जुलाई में अदृश्य सांस्कृतिक विरासत सुरक्षा से संबंधित 2003 की अंतर-सरकारी समिति के लिए चुना गया था. भारत को 155 देशों की समिति में 110 मतों से चुना गया था.

भारत को एक बार फिर यूनेस्को कार्यकारी बोर्ड का सदस्य चुना गया

भारत को वर्ष 2021-25 के लिए एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के कार्यकारी बोर्ड का सदस्य चुना गया है. कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों का चुनाव 16 नवम्बर को किया गया था. भारत को सदस्य चुने जाने के पक्ष में 164 वोट मिले थे.

‘ग्रुप चार एशिया एवं प्रशांत देश’, से जापान, फिलीपिन, वियतनाम, कुक द्वीप समूह और चीन भी कार्यकारी बोर्ड के सदस्य चुने गए हैं.

यूनेस्को का कार्यकारी बोर्ड

कार्यकारी बोर्ड, यूनेस्को के तीन संवैधानिक अंगों में से एक है. इसे जनरल कॉन्फ्रेंस द्वारा चुना जाता है. जनरल कॉन्फ्रेंस के अधीन कार्य करते हुए, यह कार्यकारी बोर्ड संगठन के कार्यक्रमों और महानिदेशक द्वारा प्रस्तुत किए गए संबंधित बजट अनुमानों की जांच करता है. कार्यकारी बोर्ड में 58 सदस्य देश हैं, जिनका कार्यकाल चार वर्ष का होता है.

यूनेस्को क्या है?

यूनेस्को का पूरा नाम संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन है. इसका उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान, कला और संस्कृति में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से विश्व शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना है. यूनेस्को में कुल 193 सदस्य देश शामिल हैं. इसका मुख्यालय फ्रांस के पेरिस में है.

यूनेस्को ने भारत के छह स्थानों को विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में शामिल किया

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने भारत के छह स्थानों को विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में शामिल किया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने नौ स्थानों को यूनेस्को की संभावित विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल करने के लिए भेजा था, जिसमें छह को अस्थायी सूची के लिए मंजूरी दी गई है.

विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में शामिल किये गये स्थान

  1. वाराणसी का गंगा घाट
  2. तमिलनाडु में कांचीपुरम का मंदिर
  3. मध्य प्रदेश में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
  4. महाराष्ट्र सैन्य वास्तुकला
  5. हीरे बेंकल मेगालिथिक साइट
  6. मध्य प्रदेश (जबलपुर) में नर्मदा घाटी के भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट

धरोहर स्थल क्या है?

विश्व धरोहर या विरासत सांस्कृतिक महत्व और प्राकृतिक महत्व के वह स्थल होते है जो बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं. दुनियाभर में कुल 1052 विश्व धरोहर स्थल हैं जो बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. इनमें से 814 सांस्कृति, 203 प्राकृतिक और 35 मिश्रित स्थल हैं.

यूनेस्को में शामिल भारत के धरोहर स्थल

यूनेस्को ने भारत में 36 स्थानों, शहर, इमारतों, गुफाओं आदि को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया है. इनमें 27 सांस्कृतिक, 8 प्राकृतिक और 1 मिश्रित धरोहर शामिल हैं. यूनेस्को में शामिल भारत के धरोहर स्थल इस प्रकार हैं:

ताजमहल, आगरा का किला, अजंता और एलोरा की गुफाएं, काजीरंगा अभयारण्य, केवलादेव उद्यान, महाबलीपुरम और सूर्य मंदिर कोणार्क, मानस अभयारण्य, हम्पी, गोवा के चर्च और फतेहपुर सीकरी, चोल मंदिर, खजुराहो मंदिर, पट्टादकल और एलिफेंटा की गुफाएं, सुंदरबन, सांची के बुद्ध स्मारक, हुमायूं का मकबरा और नंदा देवी का पुष्प उद्यान, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, चंपानेर पावागढ़, दिल्ली का लाल किला और जयपुर का जंतर मंतर, नालंदा विश्वविद्यालय, कार्बूजिए की वास्तुकला, कंचनजंघा पुष्प उद्यान और अहमदाबाद शहर, भीमबैठका, कुतुब मीनार, हिमालयन रेल और महाबोधि मंदिर, गुजरात की रानी की वाव, पश्चिमी घाट, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और राजस्थान का किला.

श्रीनगर के अमर सिंह कॉलेज को यूनेस्को के ‘अवार्ड ऑफ मेरिट’ से सम्मानित किया गया

श्रीनगर के अमर सिंह कॉलेज को यूनेस्को एशिया-पैसिफिक अवार्ड्स में प्रतिष्ठित ‘अवार्ड ऑफ मेरिट’ से सम्मानित किया गया है. अमर सिंह कॉलेज की स्थापना 1911 में डोगरा महाराजा युग के दौरान श्रीनगर में हुई थी. 2014 की बाढ़ के दौरान इसकी इमारत को भारी नुकसान पहुँचा था.

यह सम्मान सांस्कृतिक विरासत संरक्षण (अमर सिंह कॉलेज भवन का जीर्णोद्धार) के लिए दिया गया है. इस परियोजना का नेतृत्व इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH), स्थानीय सरकार और सामुदायिक हितधारकों के एक समूह ने किया था.

अमर सिंह कॉलेज की इमारत को अमर सिंह तकनीकी संस्थान के रूप में जाना जाता था, जो कला और कौशल जैसे कारपेंटरी और चिनाई सिखाने के लिए कश्मीर का पहला संस्थान था.

23 अप्रैल: विश्व पुस्तक दिवस, कुआलालंपुर को विश्व पुस्तक राजधानी 2020 नामित किया गया

प्रत्येक वर्ष 23 अप्रैल को ‘विश्व पुस्तक दिवस’ (World Book Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों के बीच किताब पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना है. चूंकि किताबी दुनिया में कॉपीराइट एक अहम मुद्दा है, इसलिए विश्व पुस्तक दिवस पर इस पर भी जोर दिया जाता है. इसी वजह से दुनिया के कई हिस्सों में इसे ‘विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस’ (World Book and Copyright Day) के तौर पर भी मनाया जाता है.

यूके और आयरलैंड में 23 अप्रैल को सेंट जॉर्ज दिवस होता है. इस वजह से वहां मार्च के पहले गुरुवार को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है.

विश्व पुस्तक राजधानी

UNESCO प्रत्येक वर्ष विश्व पुस्तक राजधानी (World Book Capital) नामित करता है. यह पुस्तक राजधानी 23 अप्रैल से 1 वर्ष की अवधि के लिए रहती है. इस वर्ष मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर (KL) को ‘विश्व पुस्तक राजधानी 2020’ के रूप में नामित किया गया है.

इस वर्ष यानी वर्ष 2020 में विश्व पुस्तक दिवस का विषय (थीम)- ‘KL Baca – caring through reading’ है.

विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने विश्व पुस्तक दिवस को प्रस्तावित किया था. पहला विश्व पुस्तक दिवस 23 अप्रैल, 1995 को मनाया गया था. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने यही तारीख तय की थी.

विश्व पुस्तक दिवस को 23 अप्रैल को मनाने का विचार स्पेन की एक परंपरा से आया. स्पेन में हर साल 23 अप्रैल को ‘रोज डे’ मनाया जाता है. इस दिन लोग प्यार के इजहार के तौर पर एक-दूसरे को फूल देते हैं. 1926 में जब स्पेन के विख्यात लेखकत मिगेल डे सरवांटिस (Miguel de Cervantes) का निधन हुआ तो उस साल स्पेन के लोगों ने महान लेखक की याद में फूल की जगह किताबें बांटीं. स्पेन में यह परंपरा जारी रही जिससे ‘विश्व पुस्तक दिवस’ मनाने का विचार आया.

23 अप्रैल: संयुक्त राष्ट्र अंग्रेजी भाषा दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र अंग्रेजी भाषा दिवस (UN English Language Day) मनाया जाता है. इसी दिन संयुक्त राष्ट्र स्पेनिश भाषा दिवस भी मनाया जाता है. भाषा दिवस को मनाने का उद्देश्य बहु-भाषावाद तथा सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देना है. अंग्रेजी ऐसी भाषा है जो अलग-अलग देशों और संस्कृति से आने वाले लोगों को साथ में जोड़ती है.

विलियम शेक्सपियर का जन्मदिन

23 अप्रैल को अंग्रेजी के मशहूर विलियम शेक्सपियर का जन्म हुआ था और उनकी मृत्यु भी इसी दिन हुई थी. इसलिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने 23 अप्रैल को अंग्रेजी भाषा दिवस के तौर पर चुना.

संयुक्त राष्ट्र 6 आधिकारिक भाषाओं के लिए अलग-अलग दिवस

संयुक्त राष्ट्र के 6 आधिकारिक भाषाएं हैं. इन 6 आधिकारिक भाषाओं के लिए अलग-अलग दिवस निश्चित किये गये हैं:

  1. अरबी भाषा: 18 दिसम्बर
  2. चीनी भाषा: 20 अप्रैल
  3. अंग्रेजी भाषा: 23 अप्रैल
  4. स्पेनिश भाषा: 23 अप्रैल
  5. फ़्रांसिसी भाषा: 20 अप्रैल
  6. रूसी भाषा: 6 जून

18 अप्रैल: विश्व धरोहर दिवस, भारत के 36 स्थानों को विश्व धरोहर का दर्जा

प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व में 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस (World Heritage Day) के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य सांस्कृतिक-ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक विरासतों की विविधता का संक्षरण करना तथा स्मारकों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

विश्व धरोहर दिवस 2020 का विषय

इस वर्ष यानी 2020 के विश्व धरोहर दिवस का विषय (थीम) ‘साझा संस्कृति, साझा विरासत, साझा जिम्मेदारी’ (Shared Cultures, Shared Heritage, Shared Responsibility) है.

इतिहास

International Council on Monuments and Sites (ICOMOS) ने 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस को मनाये जाने का प्रस्ताव यूनेस्को को दिया था. यूनेस्को ने 1983 में इस प्रस्ताव को अनुमोदित किया था.

धरोहर स्थल क्या है?

विश्व धरोहर या विरासत सांस्कृतिक महत्व और प्राकृतिक महत्व के वह स्थल होते है जो बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं. दुनियाभर में कुल 1052 विश्व धरोहर स्थल हैं जो बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. इनमें से 814 सांस्कृति, 203 प्राकृतिक और 35 मिश्रित स्थल हैं.

यूनेस्को में शामिल भारत के धरोहर स्थल

यूनेस्को ने भारत में 36 स्थानों, शहर, इमारतों, गुफाओं आदि को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया है. इनमें 27 सांस्कृतिक, 8 प्राकृतिक और 1 मिश्रित धरोहर शामिल हैं. यूनेस्को में शामिल भारत के धरोहर स्थल इस प्रकार हैं:

ताजमहल, आगरा का किला, अजंता और एलोरा की गुफाएं, काजीरंगा अभयारण्य, केवलादेव उद्यान, महाबलीपुरम और सूर्य मंदिर कोणार्क, मानस अभयारण्य, हम्पी, गोवा के चर्च और फतेहपुर सीकरी, चोल मंदिर, खजुराहो मंदिर, पट्टादकल और एलिफेंटा की गुफाएं, सुंदरबन, सांची के बुद्ध स्मारक, हुमायूं का मकबरा और नंदा देवी का पुष्प उद्यान, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, चंपानेर पावागढ़, दिल्ली का लाल किला और जयपुर का जंतर मंतर, नालंदा विश्वविद्यालय, कार्बूजिए की वास्तुकला, कंचनजंघा पुष्प उद्यान और अहमदाबाद शहर, भीमबैठका, कुतुब मीनार, हिमालयन रेल और महाबोधि मंदिर, गुजरात की रानी की वाव, पश्चिमी घाट, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और राजस्थान का किला.

यूनेस्को (UNESCO): एक दृष्टि

  • यूनेस्को या UNESCO, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational Scientific and Cultural Organization) का संक्षिप्त रूप है.
  • यह संयुक्त राष्ट्र का एक घटक निकाय है. इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है.
  • UNESCO का गठन 4 नवंबर 1946 को हुआ था. इसका मुख्यालय फ्रांस के पेरिस में है. UNESCO के वर्तमान अध्यक्ष आंद्रे अजोले हैं.

यूनेस्को एशिया प्रशांत पुरस्कार के लिए भारत के कुल चार स्थानों का चयन किया गया

यूनेस्को (UNESCO) ने एशिया प्रशांत पुरस्कार (Asia Pacific Award) के लिए भारत के कुल चार स्थानों का चयन किया गया है. इस पुरस्कार की घोषणा मलेशिया के पेनांग में आयोजित एक समारोह में 14 अक्टूबर को की गई. भारत के जिन स्थानों का चयन इन पुरस्कारों के लिए किया गया है, हैं:

हेरिटेजपुरस्कारस्थान
फ्लोरा फाउंटेनऑनरेबल मेंशनमुंबई
केनेसेठ इलियाहू सिनेगागमेरिट अवार्डमुंबई
ग्लोरी चर्चमेरिट अवार्डमुंबई
विक्रम साराभाई पुस्तकालय (IIM)डिस्टिंक्शन अवार्डअहमदाबाद

UNESCO ने सभी श्रेणियों में सर्वोच्च पुरस्कार ‘उत्कृष्टता अवार्ड’ हांगकांग में ‘ताई क्वान सेंटर फॉर हेरिटेज एंड आर्ट्स’ को दिया है.

जयपुर के परकोटा को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है

उल्लेखनीय है कि यूनेस्को ने जयपुर के परकोटा को हाल ही में विश्व धरोहर में शामिल किया है. जिसके बाद सरकार ने इसको यूनेस्को की गाइडलाइन के अनुसार संरक्षत करने का काम शुरू कर दिया है. अगर समय रहते यूनेस्को की गाइडलाइन को पूरा नही किया गया तो जयपुर से विश्व धरोहर का पहचान छीन सकता है.