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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधेयक पारित हुआ

उत्तराखंड विधानसभा ने 7 फ़रवरी को राज्य में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) विधेयक पारित किया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह विधेयक विधानसभा के पटल पर रखा था. इस विधेयक के पारित होने के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.

मुख्य बिन्दु

  • इस विधेयक के पास होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. राज्यपाल के दस्तखत होते ही यह कानून बन जाएगा.
  • इस विधेयक का मकसद शादी, तलाक, विरासत, और गोद लेने से जुड़े मामलों में सभी धर्मों पर समान कानून लागू करना है. हालांकि, राज्य की कुछ जनजातियों को इससे अलग रखा गया है.
  • नए कानून के लागू होने के बाद पति या पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूर्णतः प्रतिबंधित होगा.
  • जन्म और मृत्यु के पंजीकरण की तरह विवाह और विवाह विच्छेद का पंजीकरण कराया जा सकेगा. ये पंजीकरण वेब पोर्टल के माध्यम से किया जा सकेगा.
  • पति-पति के विवाह विच्छेद या घरेलू झगड़े के समय में 5 साल तक के बच्चे की कस्टडी मां के पास होगी.
  • नए कानून में जायज या नाजायज बच्चे में कोई भेद नहीं होगा. दोनों ही तरह के बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा.
  • वयस्क पुरुष 21 वर्ष का, 18 साल की महिला लिव-इन में रह सकते हैं, इसके लिए उन्हें पंजीकरण कराना होगा.

उत्‍तराखण्‍ड में भारत की पहली जाइरोकॉप्‍टर सेवा शुरू

उत्तराखंड पर्यटन ने पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारत का पहला जायरोकॉप्टर सेवा शुरू किया है. 16 दिसम्बर को सफल परीक्षण के बाद इसे लॉन्च किया गया.

मुख्य बिन्दु

  • इसकी मदद से पर्यटकों को उत्तराखंड की खूबसूरती देखने के साथ-साथ हिमालय एयर सफारी का आनंद लेने का मौका मिलेगा.
  • राज्य सरकार द्वारा इस यात्रा के लिए जर्मनी से जायरोकॉप्टर खरीद कर बुलवाएं गए हैं. वहीं योजना की शुरुआत नागरिक उड्डयन विभाग और जिला अधिकारियों के सहयोग से शुरू की गई है.
  • आने वाले समय में योजना में विस्तार करते हुए विशेष हवाई पट्टियां विकसित करने की योजना बनाई जा रही है.

देहरादून में उत्तराखंड वैश्विक निवेशक सम्मेलन आयोजित किया गया

उत्तराखंड वैश्विक निवेशक सम्मेलन (Uttarakhand Global Investors Summit) 2023 का आयोजन 8 से 9 दिसम्बर तक देहरादून में किया गया था. सम्मेलन का उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. यह सम्मेलन देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया गया था. सम्मेलन का विषय था- शांति से समृद्धि.

  • सम्मेलन में विश्व भर से हजारों निवेशक और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए 44 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया.
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि निवेशकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने 27 से अधिक नई नीतियां बनाई है और कुछ नीतियों में संशोधन भी किया गया है.
  • इस महत्वाकांक्षी सम्मेलन से पहले राज्य सरकार ने विभिन्न निवेशकों और औद्योगिक समूहों के साथ करीब तीन लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन कर लिए थे.
  • निवेशक सम्मेलन से पहले राज्य में जिलास्‍तरीय मिनी निवेशक सम्मेलन आयोजित किए गए थे, जिनमें निवेशकों ने खासी रूचि दिखाई थी.
  • गृहमंत्री अमित शाह 9 दिसम्बर को इस सम्मेलन के समापन समारोह में शामिल हुए थे.

उत्‍तराखंड के धारचूला में महाकाली नदी पर पुल निर्माण को मंजूरी

उत्‍तराखंड के धारचूला में महाकाली नदी पर एक पुल निर्माण के लिए भारत और नेपाल के बीच समझौता ज्ञापन को स्‍वीकृति दी गयी है. यह स्‍वीकृति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 6 जनवरी को दी.

यह पुल तीन साल में बनकर पूरा होगा और इससे दोनों देशों के बीच आवागमन की सुविधा बढेगी. इस पुल से उत्‍तराखंड में रहने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा और नेपाल की ओर र‍हने वाले लोगों को भी बहुत बड़ा लाभ मिलेगा.

9 नवम्बर 2021: उत्तराखंड का 21वां स्‍थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 9 नवम्बर को उत्तराखंड अपना स्थापना दिवस (Uttarakhand Sthapna Diwas) मनाता है. उत्तराखंड आज के ही दिन वर्ष 2000 में अस्तित्‍व में आया था. इसके पहले यह उत्‍तर प्रदेश का हिस्सा था. इस अवसर पर राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी परेड की सलामी ली.

उत्तराखंड: मुख्य बिंदु

  • कई वर्षों तक चले आंदोलन के बाद 9 नवंबर 2000 को उत्तराखण्ड को सत्ताइसवें राज्य के रूप में भारत गणराज्य में शामिल किया गया था.
  • वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से पुकारा जाता था, लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया.
  • उत्तराखंड की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं. पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं.
  • उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि कई प्राचीन धार्मिक स्थलों के साथ ही यह राज्य हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र मानी जाने वाली देश की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना का उद्गम स्थल है.

उत्तराखंड, पंजाब और तमिलनाडु में नए राज्‍यपाल की नियुक्ति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन राज्यों – उत्तराखंड, पंजाब और तमिलनाडु में नए राज्‍यपाल को नियुक्त किया है.

उत्तराखंड: लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह को नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. इससे पहले मौजूदा राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने इस्तीफा दे दिया था. गुरमीत सिंह डेप्‍युटी चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ भी रह चुके हैं.

पंजाब: बनवारी लाल पुरोहित को पंजाब का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. वह पहले तमिलनाडु के राज्यपाल थे.

तमिलनाडु: नागालैंड के मौजूदा राज्यपाल आरएन रवि को तमिलनाडु का नए राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

असम के राज्यपाल जगदीश मुखी को नागालैंड के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. उन्हें नयी नियुक्ति होने तक उनके प्रभार के अलावा नगालैंड के राज्यपाल के कार्यों का निर्वहन करने के लिए नियुक्त किया गया है.

पुष्कर सिंह धामी ने उत्‍तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

पुष्कर सिंह धामी ने 4 जुलाई को उत्‍तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. राज्‍यपाल बेबी रानी मौर्या ने उन्‍हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. श्री पुष्‍कर राज्‍य के ग्‍यारहवें मुख्‍यमंत्री होंगे. श्री धामी के साथ ग्‍यारह अन्‍य मंत्रियों ने भी शपथ ली.

इससे पहले श्री धामी को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया था. श्री धामी उत्‍तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में खटीमा विधानसभा क्षेत्र से दोबारा विधायक चुने गए हैं.

श्री धामी, तीरथ सिंह रावत का स्थान लेंगे. श्री रावत ने कार्यभार संभालने के चार महीने बाद इस्तीफा दे दिया था. वह राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं थे. संविधान के प्रावधानों के अनुसार मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण से 6 महीने के अन्दर रज्य विधानसभा का सदस्य चुना जाना चाहिए था.

उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, त्रिवेंद्र सिंह रावत का इस्‍तीफा

उत्तराखंड में 10 मार्च को तीरथ सिंह रावत ने नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल बेबी रानी मौर्या ने देहरादून स्थित राजभवन में उन्‍हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. श्री तीरथ सिंह रावत राज्य के 10वें मुख्यमंत्री हैं.

उत्तराखंड विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बहुमत प्राप्त है. 70 सदस्यीय राज्य विधानसभा में BJP के 56 सदस्‍य हैं. 10 मार्च को हुई BJP के विधायक दल की बैठक में विधायक दल के नेता के लिए तीरथ सिंह रावत के नाम की घोषणा वर्तमान मुख्‍यमंत्री त्रिंवेन्‍द्र सिंह रावत ने की. विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उन्होंने राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा पेश किया था.

तीरथ सिंह रावत: एक दृष्टि

वह गढ़वाल से लोकसभा सदस्‍य और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्‍यक्ष रह चुके हैं. वर्तमान में वह पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं. वह 2012 से 2017 तक चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गये थे.

त्रिवेंद्र सिंह रावत का इस्‍तीफा

उत्‍तराखण्‍ड के मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 9 मार्च को अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्‍यपाल बेबी रानी मौर्या को दिया था. राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्‍वीकार कर उन्हें नए मुख्‍यमंत्री के कार्यभार संभालने तक अपने पद पर बने रहने को कहा था.

उत्‍तराखण्‍ड में बहुमत प्राप्त दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों ने मार्च 2017 में त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना नेता (मुख्‍यमंत्री) चुना था. लेकिन पार्टी ने मुख्यमंत्री के रूप में किसी और को मौका देने का फैसला किया था. इसी सन्दर्भ में मुख्‍यमंत्री रावत को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था. वह डोईवाला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुने गये हैं.

उत्‍तराखंड में हिमस्खलन और बाढ़ की दुर्घटना, जानिए क्या है हिमस्खलन

उत्‍तराखंड में 7 फरवरी को हिमस्खलन और बाढ़ की घटना घटी. इस घटना से चमोली जिले का तपोवन (जोशी मठ) क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ. तपोवन क्षेत्र के पास ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना के निकट बर्फीली चट्टानें खिसकने से धौलीगंगा का जल स्‍तर तेजी से बढ़ा है और इससे आस-पास के इलाके में बाढ़ आ गयी.

बाढ़ के कारन ऋषि गंगा नदी पर बनी इस परियोजना का बांध टूटकर बाढ़ के पानी में बह गया. इस घटना के कारण परियोजना में काम कर रहे कई मजदूरों की मौत हो गयी. इस बीच, ग्‍लेशियर से बनी झील के टूटने के तुरंत बाद इस क्षेत्र की कुछ नदियों में अचानक बाढ़ आ गई है.

हिमस्खलन (avalanche) क्या है?

हिमाछादित पर्वतों से बर्फ के चट्टानों के अकस्मात नीचे की ओर खिसकने को हिमस्खलन कहते हैं. किसी पर्वतीय ढलान पर यदि हिम का भार, चट्टान की क्षमता से बढ़ जाये तो हिमस्खलन हो जाता है. हिमस्खलन शुरु होने के बाद ढलान पर नीचे जाता हुआ बर्फ गति पकड़ने लगता है और इसमें बर्फ की और भी मात्रा शामिल होने लगती है. हिमस्खलन से घरों, सड़कों, पुलों को भारी नुकसान होता है बहुत-से लोगों की मृत्यु हो जाती है.

गैरसैंण को उत्तराखंड का ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने को राज्यपाल की मंजूरी

उत्तराखंड में चमोली जिले के गैरसैंण (भराड़ीसैंण) को राज्य के ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में मंजूरी दी गयी है. यह मंजूरी राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 8 जून को दी. राज्यपाल की मंजूरी के बाद गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मार्च 2020 में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था.

देहरादून राज्य की अस्थायी राजधानी

उत्तराखंड के अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद आज तक स्थायी राजधानी नहीं मिल सकी है. देहरादून राज्य की राजधानी है, लेकिन वह अभी भी अस्थायी राजधानी के रूप में ही है. देश के 27वें राज्य के रूप में उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग करके किया गया था.

उत्तराखंड देश का चौथा राज्य जिसकी दो राजधानियां

अब उत्तराखंड देश का ऐसा चौथा राज्य बन गया है जिसकी दो-दो राजधानियां हैं. आंध्र प्रदेश में 3 राजधानियों का प्रस्ताव है तो हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में दो-दो राजधानियां हैं. जम्मू-कश्मीर में भी दो राजधानी हैं लेकिन 2019 में इसे राज्य की सूची से हटाकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था.

उत्तराखंड हाई कोर्ट नैनीताल में

उत्तराखंड में प्रशासकीय तौर पर दो मंडल हैं, कुमाऊं और गढ़वाल. राज्य बनने के बाद गढ़वाल और राज्य की सीमा पर स्थित देहरादून को राजधानी बनाया गया तो कुमाऊं के नैनीताल में हाई कोर्ट बना रहा.

उत्तराखंड में दो राजभवन

उत्तराखंड देश के चुनिंदा राज्यों में शुमार है, जहां राज्यपाल के लिए दो राजभवन हैं- देहरादून और नैनीताल. ग्रीष्मकाल में राज्यपाल नैनीताल प्रवास पर आते हैं.

गैरसैंण: एक दृष्टि

गैरसैंण उत्तराखंड के चमोली जिले में आता है और इसे नगर पंचायत का दर्जा हासिल है. यह उत्तराखंड की पामीर के नाम से जानी जाने वाली दुधाटोली पहाड़ी पर स्थित है. इसी पहाड़ी पर रामगंगा का उद्भव हुआ है. भौगोलिक तौर पर यह इलाका उत्तराखंड के बीच में पड़ता है.

सातवीं शताब्दी में भारत यात्रा पर आए चीनी यात्री ह्वेनसांग ने इस क्षेत्र में ब्रह्मपुर नामक राज्य होने का जिक्र किया था.

गैरसैंण को उत्तराखंड का ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की घोषणा की गयी

उत्तराखंड सरकार ने चमोली जिले के गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की घोषणा की है. यह घोषणा इस राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट पेश किए जाने के दौरान 4 मार्च को की.

देहरादून राज्य की अस्थायी राजधानी

उत्तराखंड के अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद आज तक स्थायी राजधानी नहीं मिल सकी. देहरादून राज्य की राजधानी है, लेकिन वह अभी भी अस्थायी राजधानी के रूप में ही है. गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी.

देश के 27वें राज्य के रूप में उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग करके किया गया था.

उत्तराखंड हाई कोर्ट नैनीताल में

उत्तराखंड में प्रशासकीय तौर पर दो मंडल हैं, कुमाऊं और गढ़वाल. राज्य बनने के बाद गढ़वाल और राज्य की सीमा पर स्थित देहरादून को राजधानी बनाया गया तो कुमाऊं के नैनीताल में हाई कोर्ट बना रहा.

उत्तराखंड में दो राजभवन

उत्तराखंड देश के चुनिंदा राज्यों में शुमार है, जहां राज्यपाल के लिए दो राजभवन हैं- देहरादून और नैनीताल. ग्रीष्मकाल में राज्यपाल नैनीताल प्रवास पर आते हैं.

देश का पांचवां राज्य जिसकी 2 राजधानियां

अब उत्तराखंड देश का ऐसा पांचवां राज्य बन गया है जिसकी 2-2 राजधानियां हैं. आंध्र प्रदेश में 3 राजधानियों का प्रस्ताव है तो हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में 2-2 राजधानियां हैं. जम्मू-कश्मीर में भी 2 राजधानी हैं लेकिन पिछले साल इसे राज्य की सूची से हटाकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था.

गैरसैंण: एक दृष्टि

गैरसैंण उत्तराखंड के चमोली जिले में आता है और इसे नगर पंचायत का दर्जा हासिल है. यह उत्तराखंड की पामीर के नाम से जानी जाने वाली दुधाटोली पहाड़ी पर स्थित है. इसी पहाड़ी पर रामगंगा का उद्भव हुआ है. भौगोलिक तौर पर यह इलाका उत्तराखंड के बीच में पड़ता है.

सातवीं शताब्दी में भारत यात्रा पर आए चीनी यात्री ह्वेनसांग ने इस क्षेत्र में ब्रह्मपुर नामक राज्य होने का जिक्र किया था.