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डोपिंग उल्लंघन के मामले पर WADA की रिपोर्ट: भारत शीर्ष उल्लंघनकर्ताओं में

वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) ने विश्व में डोपिंग उल्लंघन के मामले पर हाल ही में अपनी रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में डोपिंग के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.

मुख्य बिंदु

  • नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार 2019 में भारत में डोपिंग के कुल 152 मामले पाए गए हैं. 2019 में डोपिंगरोधी नियमों का उल्लंघन करने के मामलों के आधार पर भारत तीसरे स्थान पर रहा. भारत इस सूची में केवल रूस (167) और इटली (157) से पीछे है. ब्राजील (78) चौथे और ईरान (70) पांचवें स्थान पर है.
  • भारत में 2019 में डोपिंगरोधी नियमों के उल्लंघन के 152 मामले (विश्व के कुल मामलों का 17 प्रतिशत) पाए गए, जिसमें डोपिंग के सर्वाधिक आरोपी बॉडी बिल्डिंग (57) में पाए गए.
  • ओलंपिक खेलों में भारोत्तोलन से सबसे अधिक 25 मामले आये. उसके बाद एथलेटिक्स (20) और कुश्ती (10) का स्थान था. 4 क्रिकेटरों ने भी 2019 में डोपिंगरोधी नियमों का उल्लंघन किया था.
  • अंतरराष्ट्रीय डोपिंग रोधी नियमों का पालन नहीं करने के कारण रूस टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में अपनी राष्ट्रीय टीम को नहीं उतार पाया था.
  • भारत 2018 में डोपिंगरोधी नियमों के उल्लंघन के मामलों चौथे, जबकि 2017 में सातवें स्थान पर था. भारत में 2017 में 57 जबकि 2018 में 107 मामले पाए गए थे.

भारत ने डोपिंग रोधी एजेंसी WADA को 10 लाख डॉलर देने की घोषणा की

भारत ने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) के वैज्ञानिक अनुसंधान बजट में 10 लाख डॉलर देने की घोषणा की है. इस प्रस्तावित धनराशि से WADA को आधुनिक स्तर की डोपिंग रोधी परीक्षण और पहचान प्रणाली विकसित करने में मदद मिलेगी. इस पैसे का इस्तेमाल WADA के स्वतंत्र जांच और खूफिया विभाग को मजबूत करने के लिए भी किया जाएगा.

भारत का यह योगदान दुनिया के अन्य देशों की सरकारों के बीच सर्वाधिक है जिसमें चीन, सऊदी अरब और मिस्र भी शामिल हैं. सभी सदस्य देश जितना योगदान देंगे अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) भी उनके बराबर योगदान देगा जिससे कि एक करोड़ डॉलर का कोष तैयार किया जा सके.

विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) क्या है?

WADA का पूरा नाम World Anti-Doping Agency है. अंतरराष्ट्रीय खेलों में ड्रग्स के बढ़ते चलन को रोकने के लिए बनाई गयी एक विश्वस्तरीय स्वतंत्र संस्था है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने WADA की स्थापना 1999 में स्विट्जरलैंड के लुसेन में की थी. WADA का मुख्यालय कनाडा के मॉन्ट्रियल में है.

WADA हर साल प्रतिबंधित दवाओं की सूची जारी करता है. खेलों के दौरान इन दवाओं के प्रयोग पर रोक होती है. जांच में दोषी पाये जाने पर खिलाड़ी पर प्रतिबंध लगा सकता है.

विश्व में WADA से मान्यता प्राप्त 35 प्रयोगशालाएं हैं. दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (NDTL) भी WADA से मान्यता प्राप्त एक प्रयोगशाला है. यह विश्व की 34वां प्रयोगशाला है.

WADA ने भारतीय धाविका किरणजीत कौर पर चार वर्ष का प्रतिबंध लगाया

विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (WADA) ने लंबी दूरी की भारतीय धाविका किरणजीत कौर पर प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के आरोप में 4 वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया है. उन्हें WADA द्वारा प्रतिबंधित पदार्थ ‘Enobosarm’ के सेवन के आरोप में प्रतिवंधित किया गया है.

उनके प्रतिबंध की अवधि 15 दिसंबर 2019 से शुरू हो गई है, जिस दिन उनके नमूने लिए गए थे. विश्व ऐथलेटिक्स ने 26 फरवरी 2020 को उन्हें अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया था.

WADA ने राष्ट्रीय डोप जांच लेबोरेटरी पर निलंबन लगा रखा है. इसी वजह से कौर के नमूने दोहा में WADA की अधिकृत लैब में भेजे गए थे. 32 वर्ष की कौर से उसके खिताब, पुरस्कार, पदक, ईनामी राशि वापस ले ली जाएगी. उनसे टाटा स्टील कोलकाता 25K में जीता गया स्वर्ण पदक भी वापस लिया जाएगा.

कौर ने मार्च 20119 में पटियाला में फेडरेशन कप राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 10000 मीटर का कांस्य पदक जीता था. उसने 2018 में गुवाहाटी में राष्ट्रीय अंतर-प्रांत चैंपियनशिप में भी 5000 मीटर का रजत पदक जीता था. कौर ने कहा था कि उसे टायफाइड हुआ था और उन्होंने गांव में एक डॉक्टर की दी दवा ली थी.

NADA ने राष्ट्रीय भाला फेंक खिलाडी अमित दहिया को चार साल के लिए प्रतिबंधित किया

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) के अनुशासनात्मक पैनल ने राष्ट्रीय भाला फेंक (जेवलिन थ्रो) खिलाडी अमित दहिया को चार साल के लिए प्रतिबंधित किया है. दहिया पर 2019 में राष्ट्रीय भाला फेंक ओपन चैंपियनशिप के दौरान डोप नमूने के लिए अपनी जगह किसी और को भेजने पर आरोप है. हरियाणा के सोनीपत में 16 अप्रैल 2019 को हुई इस प्रतियोगिता में दाहिया 68.21 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA): एक दृष्टि

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (National Anti Doping Agency) खेलों में ड्रग्स के बढ़ते चलन को रोकने के लिए एक राष्ट्रीय संस्था है. यह युवा कार्य और खेल मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त ईकाई है, जो खेलों में डोपिंग की जांच करती है.

रूस के ओलिंपिक और विश्व चैम्पियनशिप में भाग लेने पर प्रतिबंध

विश्‍व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने रूस के ओलिंपिक, विश्व चैम्पियनशिप और अन्य बड़ी खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है. 9 दिसम्बर को स्वि़्ट्ज़रलैंड में हुई वाडा की कार्यकारी समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. वाडा की कार्यकारी समिति के मुताबिक रूस ने लैब डैटा के साथ छेड़छाड़ करते हुए नकली सबूत पेश किए थे और पॉज़िटिव डोप टेस्ट से जुड़ी कुछ फाइल डिलीट की थी.

वाडा के इस निर्णय के बाद अब रूस विश्व चैम्पियनशिप, 2020 के टोक्यो ओलिंपिक, 2022 के बीजिंग विंटर ओलिंपिक और 2022 के फीफा विश्व कप में हिस्सा नहीं ले पाएगा. वहीं इस दौरान रूस किसी बड़े खेल इवेंट की मेज़बानी भी नहीं कर पाएगा. ये प्रतिबंध रूस के खिलाफ है और ऐसे एथलीट जो खुद को क्लीन साबित कर पाएंगे उनके अधिकार सुरक्षित हैं.

रूस की एंटी डोपिंग एजेंसी को 2015 में आई वाडा रिपोर्ट के बाद निलंबित कर दिया गया था. वाडा की रिपोर्ट में रूस में स्टेट स्पोंसर्ड डोपिंग की बात कही गई थी. इसके बाद रूस के एथलीट्स के रियो ओलिंपिक में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. प्योंगचांग विंटर ओलिंपिक में भी रूस के एथलीट्स ने ओलिंपिक के झंडे तले न्यूट्रल एथलीट्स के रूप में हिस्सा लिया था. रूस का निलंबन सितंबर 2018 में हटा दिया गया था लेकिन वाडा ने रशियन डोप टेस्टिंग लैब्स से रूस के एथलीट्स का डेटा हासिल किया था.

सितंबर में वाडा ने फिर से दावा किया था कि रुसाडा द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा नियमित नहीं है. पिछले हफ्ते ही वाडा की समिति ने रूस पर चार साल का ओलिंपिक बैन लगाने की सिफारिश की थी. वाडा की कार्यकारी समिति ने सिफारिश पर अमल करते हुए रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है. रूस अब चार साल तक किसी बड़े खेल इवेंट की मेज़बानी की दावेदारी भी पेश नहीं कर सकता.

रूस ने पिछली बार 2018 के फुटबॉल विश्व कप की मेज़बानी की थी जिसमें रूस क्वार्टर फाइनल तक पहुंचा था. रुसाडा के पास वाडा की सज़ा के खिलाफ अपील करने के लिए 21 दिन का समय है.