Tag Archive for: West Bengal

कोलकाता में भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो रेल सेवा का शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 मार्च को कोलकाता में भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो रेल सेवा सहित 15.4 हजार करोड़ रुपये की कई कनेक्टिविटी परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे.

  • देश की पहली यातायात सुरंग वाली हावडा मैदान-एस्‍प्‍लानेड सेक्शन की नई मेट्रो लाइन हुगली नदी के नीचे से होकर गुजरेगी. यह नदी कोलकाता और हावड़ा शहर को इसके पूर्वी तथा पश्चिमी किनारों पर अलग करती है.
  • इस नई लाइन के हिस्‍से के रुप में हावड़ा मेट्रो स्‍टेशन को भारत के सबसे गहरे मेट्रो स्‍टेशन होने की पहचान मिलेगी.

पश्चिम बंगाल में सात नए जिले बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई

पश्चिम बंगाल मंत्रिमंडल ने राज्य में सात नए जिले बनाए जाने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 1 अगस्त को इसकी घोषणा की थी. प्रशासनिक कामकाज को सुगम बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है.

नए सात जिलों के साथ राज्य में कुल 30 जिले हो जाएंगे. वर्तमान में कहा 23 जिले हैं. नए जिले हैं- बेहरामपुर, कांडी, सुंदरवन, बशीरहाट, इच्छामति, राणाघाट और विष्णुपुर.

कोलकाता के विक्‍टोरिया मेमोरियल हॉल में बिप्‍लाबी भारत गैलरी का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 23 मार्च को शहीद दिवस पर कोलकाता में बिप्‍लाबी भारत गैलरी (दीर्घा) का उद्घाटन किया. यह गैलरी कोलकाता के विक्‍टोरिया मेमोरियल हॉल में बनाया गया है. उद्घाटन समारोह वीडियो कॉफ्रेंस के माध्‍यम से आयोजित किया गया था.

बिप्‍लाबी भारत गैलरी: एक दृष्टि

  • इस गैलरी में स्‍वाधीनता संग्राम में क्रांन्तिकारियों का योगदान और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ उनका सशस्‍त्र प्रतिरोध दर्शाया गया है.
  • इस नयी गैलरी काउद्देश्‍य उन क्रमबद्ध घटनाक्रमों को दर्शाना है, जिनकी परिणति 1947 में देश की स्वतंत्रता के रूप में हुई. यह  उन राजनीतिक और बौद्धिक पृष्‍ठभूमि को स्‍पष्‍ट करती है, जिनसे क्रांतिकारी आंदोलन की शुरुआत हुई है.
  • यह क्रांतिकारी नेताओं द्वारा गठित महत्‍वपूर्ण संगठनों, आंदोलन के विस्‍तार, इंडियन नेशनल आर्मी का गठन और नौसेना विद्रोह के योगदान को भी दर्शाता है.

गृह मंत्रालय ने कई राज्यों में BSF के अधिकार क्षेत्र क्षेत्राधिकार में परिवर्तन किया

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने कई राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र क्षेत्राधिकार में परिवर्तन किया है. इसके तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में विभिन्न अपराधों पर लगाम लगाने के लिए BSF का क्षेत्राधिकार 50 किलोमीटर तक बढ़ाया गया है.

मुख्य बिंदु

  • केंद्र सरकार ने BSF कानून में संशोधन कर इसे पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है.
  • पाकिस्तान की सीमा से लगे गुजरात के क्षेत्रों में यह दायरा 80 किलोमीटर से घटा कर 50 किलोमीटर कर दिया है. राजस्थान में 50 किलोमीटर तक की क्षेत्र सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
  • पांच पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी सीमा निर्धारित नहीं है.

BSF के अधिकार

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर सीमा से लगे इलाकों के ‘शेड्यूल’ को संशोधित किया है, जहां BSF के पास पासपोर्ट अधिनियम, एनडीपीएस अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम जैसे अधिनियमों के तहत तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी की शक्तियां होंगी. BSF को CRPC, Passport Act and Passport (Entry to India) Act के तहत ये करवाई करने का अधिकार मिला है.
  • BSF के क्षेत्राधिकार को 50 किमी तक बढ़ा देने से BSF का अधिकार क्षेत्र कई राज्यों में काफी अंदरुनी इलाके तक पहुंच जाएगा. इससे एक समस्या यह होगी कि BSF जब भी अंदरुनी क्षेत्र में कार्रवाई करेगी, तो उसका और स्थानीय पुलिस का अधिकार क्षेत्र टकराएगा और दोनों के बीच विवाद की स्थिति भी पैदा हो सकती है.
  • हालांकि, इसके उलट एक तर्क यह भी है कि पहले जहां BSF को अपने दायरे के बाहर पहुंच चुके अपराधी को पकड़ने के लिए स्थानीय पुलिस पर निर्भर रहना पड़ता था, वहीं अब उन्हें किसी खुफिया जानकारी के आधार पर संदिग्ध को पकड़ने में खास दिक्कत नहीं आएगी. इससे कार्रवाई में समय की खासा बचत होगी.

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में विधान परिषद् के गठन को मंजूरी दी

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में विधान परिषद् के गठन को मंजूरी दी है. पश्चिम बंगाल में फिलहाल 294 सदस्यीय विधानसभा है लेकिन राज्य में विधान परिषद् नहीं है.

पश्चिम बंगाल राज्य कैबिनेट द्वारा पारित इससे संबंधित प्रस्ताव को अब राज्यपाल के पास भेजा जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद आवश्यक मंजूरी के लिए इसे राज्य विधानसभा के पास भेजा जाएगा.

उल्लेखनीय है कि पहले पश्चिम बंगाल में विधानपरिषद् हुआ करती थी, परन्तु उसे 1969 में समाप्त कर दिया गया था. संवैधानिक प्रावधान के अनुसार विधान परिषद् का गठन करने या उसे भंग करने के लिए राज्य विधानसभा से प्रस्ताव पारित किया जाना जरूरी है.

विधान परिषद को राज्यों में लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा के नाम से जाना जाता है. इसके सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होता है.

विधान परिषद (State Legislative Council): एक दृष्टि

भारत के छः राज्यों में विधान परिषद, विधानमंडल का अंग है. यानी इन राज्यों में विधानसभा निचला सदन और विधानपरिषद उच्च सदन के रूप में गठित है. राज्यसभा की तरह विधान परिषद के सदस्य सीधे मतदाताओं द्वारा निर्वाचित नहीं होते. इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं. कुछ सदस्य राज्यपाल के द्वारा मनोनित किए जाते हैं.

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 171 किसी राज्य में विधानसभा के अलावा एक विधान परिषद के गठन का विकल्प प्रदान करता है. संविधान का अनुच्छेद 169 राज्य में विधान परिषद को समाप्त करने की शक्ति प्रदान की गयी है.

विधान परिषद सदस्य (MLC) का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है, जहां प्रत्येक दो वर्ष की अवधि पर इसके एक-तिहाई सदस्य कार्यनिवृत्त हो जाते हैं.

छह राज्यों में विधान परिषद का अस्तित्व

वर्तमान में छह राज्यों आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में विधानसभा के साथ-साथ विधान परिषद का भी गठन किया गया हैं. जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने से पहले यहाँ भी विधान परिषद अस्तित्व में था.

विधानपरिषद सदस्यों का चुनाव प्रक्रिया

  • विधान परिषद के लगभग एक तिहाई सदस्य विधानसभा के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं.
  • एक तिहाई निर्वाचिका द्वारा, जिसमें नगरपालिकाओं के सदस्य, जिला बोर्डों और राज्य में अन्य प्राधिकरणों के सदस्य शामिल हैं, द्वारा चुने जाते हैं.
  • एक बटा बारह (1/12) सदस्यों का चुनाव निर्वाचिका द्वारा ऐसे व्यक्तियों द्वारा किया जाता है जिन्होंने कम-से-कम तीन वर्षों तक राज्य के उच्च शैक्षिक संस्थाओं में अध्यापन में लगे रहे हों.
  • एक बटा बारह सदस्यों का चुनाव पंजीकृत स्नातकों द्वारा किया जाता है जो तीन वर्ष से अधिक समय पहले पढ़ाई समाप्त कर लिए हैं.
  • शेष सदस्य राज्यपाल द्वारा साहित्य, विज्ञान, कला, सहयोग आन्दोलन और सामाजिक सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों में से नियुक्त किए जाते हैं.

कोलकाता में पूर्वी-पश्चिमी मैट्रो रेल परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन

कोलकाता में पूर्वी-पश्चिमी मैट्रो रेल परियोजना के पहले चरण का परिचालन 14 फरवरी से शुरू हुआ. रेलमंत्री पीयूष गोयल इस परियोजना का उद्घाटन किया था. इस चरण में सॉल्ट लेक सेक्टर पांच और सॉल्ट लेक स्टेडियम के बीच छह किलोमीटर लम्‍बी मैट्रो सेवा शुरू हुई है. बाकी दस किलोमीटर की लाइन का काम दिसम्बर 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा.

पानी के नीचे बनी सुरंग में चलने वाली पहली मेट्रो

बहुत प्रतीक्षित पूर्व-पश्चिम मेट्रो पहली ऐसी मेट्रो सेवा है जो पानी के नीचे बनी सुरंग से होकर गुजरती है. दो पुराने शहर कोलकाता और हावड़ा को जोड़ने वाली यह मेट्रो ट्रेन साल्ट लेक के सेक्टर पांच से हावड़ा मैदान तक चलेगी. मेट्रो लाइन का यह गलियारा लगभग 16 किलोमीटर लंबा है. इसमें करीब 11 किलोमीटर का गलियारा भूमिगत है. भूमिगत गलियारे में भी 520 मीटर की दो सुरंगें हुगली नदी के नीचे बनाई गई हैं.

कोलकाता मेट्रो: एक दृष्टि

  • कोलकाता मेट्रो भारत का पहला मेट्रो रेल सिस्टम है. इसकी शुरुआत 24 अक्टूबर 1984 को हुई थी. शुरुआत में इसे केवल 3.4 किलोमीटर के हिस्से में शुरू किया गया था.
  • कोलकाता मेट्रो का संचालन भारतीय रेल द्वारा संचालित किया जाता है. दिसंबर 2010 में ‘कोलकाता मेट्रो’ को भारतीय रेलवे का 17वां जोन बनाया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोलकाता यात्रा, कोलकाता पत्‍तन का नाम डॉक्‍टर श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी पत्‍तन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11-12 जनवरी को कोलकाता दौरे पर थे. उन्होंने इस क्रम में कोलकाता में कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया.

कोलकाता पत्‍तन का नाम बदलकर डॉक्‍टर श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी पत्‍तन

प्रधानमंत्री ने कोलकाता बंदरगाह न्यास की स्थापना के 150 वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में इसका नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा की. उन्होंने इस अवसर पर पोर्ट ट्रस्‍ट से जुड़ा एक विशेष गीत भी जारी किया और एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया. श्री मोदी ने इस अवसर पर पत्‍तन के विकास की छह सौ करोड़ रुपये की लागत की कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया.

नगीना भगत और नरेश चंद्र चक्रबर्ती को सम्‍मानित किया गया

प्रधानमंत्री ने इस ट्रस्‍ट के मौजूदा और सेवानिवृत कर्मचारियों के पेंशन कोष में कमी की भरपाई के लिए 501 करोड़ रुपये का चेक दिया. एक यादगार कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कोलकाता पोर्ट ट्रस्‍ट के 105 और 100 वर्ष आयु के दो वयोवृद्ध कर्मचारी नगीना भगत और नरेश चंद्र चक्रबर्ती को सम्‍मानित किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने सामानों की सुगम आवाजाही के लिए पोर्ट में फुल रेक हैंडलिंग सुविधा का उद्घाटन किया और उन्‍नत बनाई गई रेलवे अवसंरचना राष्‍ट्र को समर्पित की. उन्होंने हल्दिया डाक परिसर में बर्थ नबंर-3 में मशीन संचालित सुविधाओं और एक प्रस्‍तावित रिवरफ्रंट विकास योजना का भी शुभारंभ किया.

इस मौके पर सुंदरबन की 200 आदिवासी छात्राओं के लिए प्रीतिलता छत्री में एक कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन किया गया. पीएम मोदी ने बताया कि इस वर्ष हल्दिया में मल्टीमॉडल टर्मिनल और फरक्का में नेविगेशनल लॉक को तैयार करने का प्रयास है.