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गिरीशचंद्र मुर्मू को एक बार फिर WHO के बाह्य लेखा परीक्षक चुने गए

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) गिरीशचंद्र मुर्मू को एक बार फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का बाह्य लेखा परीक्षक चुना गया है. उनका चुनाव 2024 से 2027 के चार वर्ष के कार्यकाल के लिए किया गया है. वे 2019 से 2023 के कार्यकाल के लिए पहले से ही इस पद पर हैं.

  • जेनेवा में 29 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन की 76वीं आम बैठक में उनको दोबारा चुना गया है. पहले दौर के मतदान में उन्हें 114 के मुकाबले 156 मतों के बहुमत से चुना गया.
  • निर्वाचन के बाद विश्व स्वास्थ्य आम सभा को संबोधित करते हुए श्री मुर्मू ने बेहतर परिणाम के लिए प्रक्रिया में सुधार, पारदर्शिता और पेशेवर तरीके से काम-काज पर जोर दिया.

WHO ने मंकीपॉक्स संक्रमण को वैश्विक स्वास्थ्य आपात-स्थिति घोषित किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स संक्रमण को वैश्विक स्वास्थ्य आपात-स्थिति (हेल्थ इमरजेंसी) घोषित किया है. 23 जुलाई को मंकीपॉक्स पर संगठन की आपात समिति की दूसरी बैठक में यह निर्णय लिया गया.

  • WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडानॉम गैब्रेयासिस ने बताया कि 75 देशों में 16 हजार से अधिक लोग मंकीपॉक्स से संक्रमित हो चुके हैं. अब तक पांच लोगों की इससे मौत हुई है.
  • वैश्विक स्वास्थ्य आपात-स्थिति की घोषणा का मतलब है कि WHO मंकीपॉक्स को दुनियाभर के लिए बड़ा खतरा मानता है और इसे फैलने से रोकने और महामारी में बदलने की आशंका से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय पहल की तुरंत जरूरत है. यह घोषणा दुनियाभर की सरकारों के लिए तुरंत कार्रवाई की अपील का काम करती है.
  • WHO ने पिछले दो दशक में सात वैश्विक स्वास्थ्य आपात-स्थिति घोषित की हैं. 2009 में स्‍वाइन फ्लू, 2014 में पोलियो और इबोला, 2015 में जीका, 2018 में के. इबोला और 2019 में कोविड-19 को ग्‍लोबल हेल्‍थ इमजरेंसी घोषित किया गया था.
  • विश्व में इस समय केवल दो अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियां हैं- पहली कोरोना महामारी और दूसरी पोलियो उन्मूलन के लिए जारी प्रयास.

मंकीपॉक्स क्या है?

यह वायरल इंफेक्शन है. मंकीपॉक्स वायरस, वायरस से संबंधित एक जूनोटिक ऑर्थोपॉक्स डीएनए वायरस है जो चेचक का कारण बनता है, पहली बार 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (पूर्व में ज़ैरे) में मनुष्यों में इस वायरस पाए गए थे. यह नया वायरस नहीं है और इसके लिए वैक्‍सीन उपलब्‍ध हैं.

टेड्रोस अधानॉम गैब्रियासिस को दूसरे कार्यकाल के लिए WHO का महानिदेशक चुना गया

टेड्रोस अधानॉम गैब्रियासिस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) को दूसरे कार्यकाल के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)  का महानिदेशक चुना गया है. संगठन के सदस्य देशों ने अगले पांच वर्ष के कार्यकाल के लिए टेड्रोस को पुनः निर्वाचित किया है. अगला कार्यकाल 16 अगस्त 2022 से शुरू होगा.

मुख्य बिंदु

  • संविधान के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति विश्व स्वास्थ्य संगठन का दो बार महानिदेशक नियुक्त हो सकता है. कार्यकाल पांच साल का होता है. इससे पहले डॉक्‍टर टेड्रोस को वर्ष 2017 में विश्व स्वास्थ्य संगठन का महानिदेशक चुना गया था. टेड्रोस ने डॉ मार्गरेट चैन (चीन) का स्थान लिया था, जो 1 जनवरी 2007 से WHO के महानिदेशक थे.
  • WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अधानॉम गैब्रियासिस इथोपिया के नागरिक हैं. विश्व भर में उनकी पहचान मलेरिया विशेषज्ञ के तौर पर होती है. टेड्रोस विश्व स्वास्थ्य संगठन में बड़े पद पर काम करने वाले अफ्रीकी मूल के पहले जीवाणु वैज्ञानिक हैं.
  • WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अधानॉम गैब्रियासिस covid-19 वायरस संक्रमण के शुरुआती दिनों में चर्चा में रहे थे. दरअसल तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने WHO के महानिदेशक पर पक्षपात का आरोप लगाया था. ट्रंप ने कहा था कि महामारी के समय WHO का झुकाव चीन केंद्रित था.
  • WHO की जिम्मेदारी स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण मामलों में नेतृत्व प्रदान करने की होती है. वह उन मामलों में स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करता है, जहां संयुक्त कार्रवाई की जरूरत होती है. स्वास्थ्य के उचित मानदंड और मानक स्थापित करना और उनके कार्यान्वयन को बढ़ावा देना भी WHO चीफ की जिम्मेदारी है.
  • WHO संयुक्त राष्ट्र संघ की एक अनुषांगिक इकाई है. इसकी स्थापना 7 अप्रैल 1948 को की गयी थी. WHO का मुख्यालय स्विटजरलैंड के जेनेवा शहर में स्थित है. भारत WHO का सदस्य देश है.

गुजरात में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की आधारशिला

गुजरात के जामनगर में 20 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (Global Centre for Traditional Medicine) की आधारशिला रखी. यह आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आये मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ और WHO के महानिदेशक डॉ. ट्रेडोस गेब्रेयसस के साथ रखी.

मुख्य बिंदु

  • इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पारंपरिक चिकित्सा के विभिन्न लाभों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केंद्र अगले 25 वर्षों में दुनिया में पारंपरिक चिकित्सा के युग की शुरुआत करेगा.
  • प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज को महत्व देने संबंधी भारत के प्रस्ताव को स्वीकार करने और 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का धन्यवाद व्यक्त किया.
  • बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, भूटान के प्रधानमंत्री लोतेय त्शेरिंग और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जामनगर में WHO के पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक केंद्र के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

WHO कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष: हर्षवर्धन का कार्यकाल पूरा, केन्या के डॉक्टर पैट्रिक नये अध्यक्ष

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने 2 जून को विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के तोर पर अपना कार्यकाल पूरा कर लिया. कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष पद की कमान उन्हें 23 मई 2020 को दी गई थी. WHO के कार्यकारी बोर्ड के सभी 34 सदस्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ होते हैं. साल में दो बार इसकी बैठक होती है.

केन्या के केन्या के स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यकारी डायरेक्टर जनरल डॉक्टर पैट्रिक एमोथ (Dr Patrick Amoth) नये अध्यक्ष नियुक्त किये गये हैं. यह घोषणा 02 जून को WHO के कार्यकारी बोर्ड के 149वें सत्र के दौरान निवर्तमान अध्यक्ष डॉ हर्षवर्धन ने की थी. अध्यक्ष का पद क्षेत्रीय समूहों के बीच एक वर्ष के लिए रोटेशन के आधार पर होता है.

WHO ने डॉ हर्षवर्धन को तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए ‘WHO महानिदेशक विशेष मान्यता पुरस्कार’ (WHO Director-General Special Recognition Award) से सम्मानित किया है. WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसुस ने इसकी घोषणा 1 जून को की.

WHO हर साल छह WHO क्षेत्रों में से प्रत्येक में व्यक्तियों या संगठनों को तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए मान्यता देता है. इसे WHO के महानिदेशक विशेष मान्यता पुरस्कार और विश्व तंबाकू निषेध दिवस पुरस्कारों के नाम से दिया जाता है.

भारतीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को यह पुरस्कार तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए दिया गया है. उनके नेतृत्व ने ई-सिगरेट और गर्म तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के लिए 2019 के राष्ट्रीय कानून में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की 74वीं विश्व स्वास्थ्य सभा आयोजित की गयी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 74वीं विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly) 24 मई को आयोजित की गयी. इस स्वास्थ्य सभा की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने की. डॉ. हर्ष वर्धन WHO के कार्यकारी बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष है.

स्वास्थ्य सभा में WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने WHO की विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी, जिनमें कोविड प्रबंधन के लिए उठाए गए कदम भी शामिल थे.

74वीं विश्व स्वास्थ्य सभा: मुख्य बिंदु

  • 74वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के सामने कार्यकारी बोर्ड (EB) के 147वें और 148वें सत्र का ब्यौरा पेश किया गया.
  • डॉ. हर्ष वर्धन ने कोवैक्स सुविधा के माध्यम से कोविड-19 टीकों तक निष्पक्ष और समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करने की अपील की.
  • 2013 से 2030 की अवधि के दौरान गैर-संचारी रोगों की रोकथाम व नियंत्रण के लिए वैश्विक कार्य योजना के कार्यान्वयन की रूपरेखा तय की गयी.
  • स्वास्थ्य सभा को 2021-2030 के लिए ग्लोबल पेशेंट सेफ्टी एक्शन प्लान (वैश्विक रोगी सुरक्षा कार्य योजना) को स्वीकार करना चाहिए.
  • खाने-पीने की वस्तुओं से एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस को सीमित करने और रोकने के लिए कोडेक्स कोड ऑफ प्रैक्टिस की समीक्षा में सदस्य राष्ट्रों की भागीदारी का स्वागत किया.

डॉ. हर्ष वर्धन WHO के कार्यकारी बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष
मई 2020 में आयोजित WHO के 73वें विश्व स्वास्थ्य सभा की बैठक में डॉ. हर्षवर्धन को WHO के कार्यकारी बोर्ड (Executive Board) का अध्यक्ष चुना गया था.

विश्व स्वास्थ्य संगठन: एक दृष्टि

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनिवा में है. भारत ने 12 जनवरी, 1948 को ही WHO की सदस्यता ले ली थी. WHO का शासन-प्रशासन दो निकाय द्वारा संचालित होता है:

1. विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly)
2. कार्यकारी बोर्ड (Executive Board)

  • WHO स्वास्थ्य सभा, निर्णय लेने वाली संस्था है जबकि कार्यकारी बोर्ड का मुख्य काम स्वास्थ्य सभा के फैसलों और नीतियों को लागू करना और उसे समय-समय पर सलाह देना है.
  • कार्यकारी बोर्ड और स्वास्थ्य सभा मिलकर ऐसा मंच तैयार करते हैं जहां दुनिया स्वास्थ्य के मुद्दों पर चर्चा करती है और समस्याओं के समाधान ढूंढने का प्रयास करती है.
  • WHO स्वास्थ्य सभा में संयुक्त राष्ट्र के सभी 194 सदस्य देश इसके सदस्य होते हैं.
  • WHO का कार्यकारी बोर्ड 34 सदस्यों से बना है. इसके सदस्यों का चुनाव विश्व स्वास्थ्य सभा में किया जाता है. इस बोर्ड के सदस्यों को तीन साल के लिए चुना जाता है.

WHO ने विश्‍व मलेरिया रिपोर्ट 2020 जारी किया

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने हाल ही में विश्‍व मलेरिया रिपोर्ट 2020 जारी किया है.
रिपोर्ट के अनुसार मलेरिया को नियंत्रित करने के मामले में भारत ने उल्‍लेखनीय कार्य किया है. इस रोग से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से भारत एक ऐसा देश है जहां 2018 की तुलना में 2019 में 17.6 प्रतिशत की कमी हुई. वर्ष 2019 में यह 2018 की तुलना में 18.4 प्रतिशत तक कम हुई है.

भारत में क्षेत्र वार मामलों में भी काफी कमी आई है और वर्ष 2000 से 2019 के बीच मलेरिया के मामलों में 71.8 प्रतिशत कमी आई है और इससे होने वाली मौतों का प्रतिशत भी गिरा है. इसी अवधि में मलेरिया से होने वाली मौतें 92 से घटकर 83.34 प्रतिशत हो गई हैं.

WHO ने अफ्रीका महाद्वीप को पोलियो मुक्त घोषित किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अफ्रीका महाद्वीप को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया है. WHO अफ्रीका रीजन के कार्यालय ने 25 अगस्त 2020 को अफ्रीका के अंतिम देश नाइजीरिया के पोलियो मुक्त देश घोषित किया. इस घोषणा के साथ ही पूरा अफ्रीका महाद्वीप वाइल्ड पोलियो से मुक्त हो गया.

यह दूसरी बार है जब WHO ने अफ्रीका में किसी वायरस को खत्म किया है. चार दशक पहले अफ्रीका में चेचक को पूरी तरह से खत्म किया गया था. WHO के अनुसार जब किसी देश में चार साल तक पोलियो का कोई नया मामला नहीं सामने आता तो उसे पोलियो मुक्त मान लिया जाता है.

WHO के अनुसार अफ्रीका महाद्वीप में पोलियो वायरस केवल अफ्रीका के नाइजीरिया में ही बचा था. 1996 में पूरे अफ्रीका में करीब 75 हजार बच्चे पोलियो का शिकार हुए थे. इस दौरान अफ्रीका का हर एक देश प्रभावित था.

WHO ने 1988 में वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (GPEI) शुरू की थी. तब से लेकर अब तक लगभग पूरी दुनिया से पोलियो को खत्म किया जा चुका है. अफ्रीका में आखिरी बार पोलियो का मामला साल 2016 में नाइजीरिया में आया था.

अब केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो वायरस मौजूद

अफ्रीका को पोलियो वायरस से मुक्त किए जाने के बाद अब केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे देश बचे हैं जहां अभी तक पोलियो वायरस मौजूद है.

2014 में भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था

WHO ने 27 मार्च 2014 को भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था. इस दिन दिल्ली स्थित WHO के कार्यालय में आयोजित समारोह में दक्षिण-पूर्व एशिया को पोलियो मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया. इसी के तहत भारत भी पोलियो मुक्त घोषित हो गया था. कभी भी एक देश को अकेले पोलियो मुक्त घोषित नहीं किया जाता है.

पोलियो: एक दृष्टि

  • पोलियो एक विषाणुजन्य यानि वायरस से होने वाला रोग है. यह अधिकांशत: बच्चों को होता है, यद्यपि यह बीमारी किसी को भी हो सकती है.
  • पोलियो का संक्रमण मुख्य रूप से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फेको-मौखिक मार्ग के द्वारा होता है. यह पानी या मल पदार्थ, अस्वच्छ भोजन के साथ, जल के संक्रमण से हो सकता है.
  • पोलियो से शरीर के अंगों में विकलांगता आ सकती है. पोलियो लाईलाज है, क्‍योंकि इसका लकवापन ठीक नहीं हो सकता है. बचाव ही इस बीमारी का एक मात्र उपाय है.

WHO ने कोरोना से निपटने के उसके तौर-तरीक़ों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना से निपटने के उसके तौर-तरीक़ों और सरकारों की प्रतिक्रिया की समीक्षा के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया है. संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस एढेनॉम ग़ेब्रेसस ने कहा है कि इस महामारी का व्यापक मूल्यांकन किया जाना ज़रुरी है.

हेलेन क्लार्क और एलेन जॉनसन संयुक्त अध्यक्ष होंगे

न्यूज़ीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क और लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ इस समिति के संयुक्त अध्यक्ष होंगे और अन्य सदस्यों का चयन करेंगे. यह समिति नवम्बर 2020 में स्वास्थ्य मंत्रियों की वार्षिक बैठक में अपनी अंतरिम रिपोर्ट जबकि मई 2021 में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.

यह कदम अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की प्रतिक्रिया के बाद उठाया गया है. उन्होंने कोरोना को लेकर संगठन की कड़ी आलोचना की थी और संगठन पर चीन की कठपुतली की तरह काम करने का आरोप लगाया था.

मालदीव और श्रीलंका ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन का लक्ष्‍य हासिल किया

मालदीव और श्रीलंका ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन का हासिल कर लिया है. यह घोषणा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्‍टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन के लिए क्षेत्रीय पुष्टिकरण आयोग की पांचवीं बैठक के बाद की.

2023 तक उन्‍मूलन का लक्ष्‍य

दोनों देशों ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन का लक्ष्‍य समय से पहले हासिल किया है. WHO ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन का लक्ष्‍य वर्ष 2023 तक रखा है.

दक्षिण-पूर्व एशिया में उपलब्धि हासिल करने वाले पहले दो देश

मालदीव और श्रीलंका, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले दो देश बन गए हैं. मालदीव में चेचक का अंतिम मामला वर्ष 2009 में और खसरे का अक्‍टूबर 2015 में सामने आया था. श्रीलंका में चेचक का अंतिम मामला मई 2016 में और खसरे का मार्च 2017 में सामने आया था.

दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में- भारत, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, थाईलैंड, मालदीव, म्यांमार, उत्तर कोरिया, तिमोर-लेस्ते, इंडोनेशिया और नेपाल शामिल हैं.

श्रीलंका, खसरा का उन्मूलन करने वाला दक्षिण-पूर्व एशिया का 5वा देश

श्रीलंका ‘खसरा’ (measles) का उन्मूलन करने वाला दक्षिण-पूर्व एशिया का पांचवा देश बना था. WHO ने इसकी घोषणा 10 जुलाई को की थी. दक्षिण-पूर्व एशिया में इससे पहले यह उपलब्धि भूटान, मालदीव, कोरिया और तिमोर ने हासिल की थी.

किसी बीमारी का उन्मूलन तब घोषित किया जाता है जब उस बामारी के एक भी मामले पिछले तीन वर्ष में नहीं आये हो.

अमेरिका ने WHO के साथ सभी संबंध खत्म करने की आधिकारिक जानकारी संयुक्त राष्ट्र को दी

अमेरिका ने 6 जुलाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ अपने देश के सभी संबंध खत्म करने की आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र को जानकारी दी है. नियमों के अनुसार WHO से अमेरिका के अलग होने की प्रक्रिया 1 वर्ष बाद यानी 6 जुलाई 2021 से प्रभावी होगा.

अमेरिका का WHO पर चीन का पक्ष लेने का आरोप

अमेरिका ने WHO पर कोविड-19 को लेकर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया है. यह वैश्विक महामारी 2019 में चीन के वुहान शहर से ही शुरू हुई थी.

अमेरिका ने आरोप लगाया है कि WHO ने इस वैश्विक महामारी के खतरों को लेकर समय पर सही जानकारी नहीं देकर विश्व को गुमराह किया. WHO के कारण इस वायरस से दुनिया भर में पांच लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. जिनमें से 1,30,000 से अधिक लोग तो अमेरिका के ही हैं.

अमेरिका ने WHO की आर्थिक सहायता बंद किया

अमेरिका ने WHO को दिए जाने वाले आर्थिक सहायता पर अप्रैल 2020 में रोक लगा दी थी. अमेरिका WHO को प्रतिवर्ष 893 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता देता है, जो विश्व में सबसे अधिक है. ब्रिटेन दूसरे कुल 435 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता के साथ नंबर पर है. इसके बाद जर्मनी और जापान का नंबर आता है. चीन WHO को करीब 86 मिलियन डॉलर का योगदान करता है.