Tag Archive for: World Defense

हैती में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ‘ऑपेरशन इंद्रावती’

भारत ने हिंसा प्रभावित कैरेबियाई देश हैती में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ‘ऑपेरशन इंद्रावती’ शुरू किया है. इस ऑपरेशन की जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी.

मुख्य बिन्दु

  • कैरेबियाई देश हैती महीनों से हिंसा की चपेट में है. कुछ दिनों पहले ही हथियारबंद गैंग के समूहों ने देश की राजधानी पोर्ट-ओ-प्रिंस में पुलिस स्टेशन, जेल और अन्य स्थानों पर हमला किया था.  विद्रोहियों के बढ़ते दबाव के कारण हैती के प्रधानमंत्री एरिएल हेनरी को इस्तीफा देना पड़ा.
  • हैती के हालात इतने खराब हो गए कि अमेरिका ने अपने दूतावास से कर्मचारियों को एयरलिफ्ट करके बाहर निकाला.
  • दावा किया जा रहा है कि हैती के 80 फीसदी इलाकों पर सरकार विरोधी गैंगों का कब्जा है. ये गैंग अपने-अपने लीडर को देश का अगला प्रमुख घोषित करने का प्रयास भी कर रहे हैं.
  • ये सभी गैंग इस बात पर एकमत है कि अगर हैती में कोई विदेशी सेना आती है तो उसका एक साथ मुकाबला किया जाएगा.
  • जुलाई 2021 में राष्ट्रपति जोवेनेल मोइज़ की हत्या के बाद से हैती गैंग हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल से त्रस्त है. इसके बाद प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने सत्ता संभाली, जिन्हें कई देशों का समर्थन प्राप्त था.

SIPRI की वर्ष 2017-21 की रिपोर्ट जारी: भारत सबसे बड़ा हथियार आयातक देश

हथियारों की निगरानी करने वाली संस्‍था SIPRI (Stockholm International Peace Research Institute) ने हाल ही में हथियार आयातक और निर्यातक देशों की वर्ष 2017-21 की रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है.

मुख्य बिंदु

  • इस सूची में दूसरे स्थान पर सऊदी अरब, तीसरे स्थान पर मिस्र, चौथे स्‍थान पर आस्‍ट्रेलिया और पांचवें स्‍थान पर चीन है. ये शीर्ष 5 देश दुनिया के कुल हथियारों का 36 फीसदी आयात करते हैं.
  • भारत ने हथियारों की खरीदारी के लिए रूस पर निर्भरता में उल्लेखनीय कमी की है. 2012-17 के दौरान जहां भारत अपने हथियारों के कुल आयात में से 69 फीसदी रूस से करता था, वहीं 2017 से 2021 के दौरान यह घटकर 46 फीसदी रह गया है. इस दौरान लगातार रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा.
  • भारत ने 2017-21 के दौरान भारत ने हथियारों के कुल आयात में 21 फीसदी की कटौती की, हालांकि इसके बाद भी वैश्विक स्तर पर हथियारों के आयात में अकेले भारत की हिस्सेदारी 11 फीसदी रही.
  • SIPRI के मुताबिक भारत के यह प्रयास खुद को रक्षा तकनीक और हथियारों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की तरफ बढ़ाए गए कदमों की पुष्टि करते हैं, इसके अलावा भारत खुद को हथियारों की आपूर्ति के लिए किसी एक देश पर निर्भर नहीं बनाए रखना चाहता है. 2017-21 के दौरान भारत के फ्रांस से हथियारों के आयात में दस फीसदी की वृद्धि हुई है.
  • 2012-21 के दौरान मिस्र के रूस से रक्षा आयात में 732 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि इस दौरान चीन के रूस से रक्षा आयात में 60 फीसदी की वृद्धि हुई है.
  • SIPRI की इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्‍यादा हथियारों का निर्यात अमेरिका कर रहा है. इसके बाद रूस, फ्रांस, जर्मनी और चीन है.

जापान ने अपने रक्षा बजट को लगातार नौवीं बार बढ़ाने को मंजूरी दी

जापान ने देश के रक्षा बजट को लगातार नौवीं बार बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के कार्यकाल का यह पहला बजट है. वित्त वर्ष 2021 में रिकॉर्ड 5.34 ट्रिलियन येन (51.7 अरब अमेरिकी डॉलर) का रक्षा बजट पेश करने की योजना है. यह बजट मौजूदा वित्त वर्ष के रक्षा बजट से 1.1 प्रतिशत अधिक होगा. अगले वर्ष की शुरुआत में इसे 106 ट्रिलियन येन (10.3 खरब अमेरिकी डॉलर) के राष्ट्रीय बजट के साथ संसद की मंजूरी दी जाएगी.

प्रस्तावित बजट में लंबी दूरी की मिसाइलें विकसित करने का खर्च भी शामिल है, जिन्हें लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है. ये मिसाइलें धानमंत्री सुगा मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में पेश की गई नयी मिसाइल योजना का हिस्सा हैं. इस योजना को अमल में लाकर जापान पूर्वी चीन सागर में अपने नियंत्रण वाले उन टापुओं में मिसाइलों की तैनाती बढ़ा सकेगा, जिनपर चीन भी अपना दावा जताता है.

जापान सरकार चीन और उत्तर कोरिया से संभावित खतरे से निपटने के लिए लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें और रेडार से बच निकलने में सक्षम लड़ाकू विमान विकसित करने के लिये रक्षा बजट बढ़ाना चाहती है.

अमेरिका ने अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया

अमेरिका ने 20 मार्च को अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण थल सेना और नौसेना द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. इस परीक्षण में मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य तक हाइपरसोनिक गति यानी ध्वनि की गति से पांच गुणा अधिक तेजी से उड़ान भरी.

इस मिसाइल की चाल 6,200 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा है. यह बैलेस्टिक मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होगी. इस परीक्षण से पहले अक्टूबर, 2017 में अमेरिकी सेना एवं नौसेना ने पहला संयुक्त परीक्षण किया था. तब इस प्रतिकृति मिसाइल ने दर्शाया था कि वह हाइपरसोनिक रफ्तार से लक्ष्य की दिशा में उड़ सकती है.

हाइपरसोनिक मिसाइल: एक दृष्टि

हाइपरसोनिक मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज हमलावर मिसाइल माना जाता है. इस रफ्तार से उड़ने वाली मिसाइल को किसी भी रडार और एयर डिफेंस सिस्टम से पकड़कर उसे रोकने के लिए कार्रवाई कर पाना असंभव सा है. इससे किसी भी युद्ध का नक्शा बदल सकता है.

हाइपरसोनिक मिसाइल क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल दोनों के फीचर्स से लेस होती हैं. यह मिसाइल लॉन्च के बाद पृथ्वी की कक्षा से बाहर जाती है. इसके बाद जमीन या हवा में मौजूद टारगेट को निशाना बनाती है. इन्हें रोकना काफी मुश्किल होता है.

रूस ने ‘एवेनगार्ड’ हाइपरसोनिक मिसाइल

अमेरिका ने अपने हाइपरसोनिक मिसाइल का विकास रूस के जवाब में किया है. अमेरिका से पहले दिसंबर 2019 में रूस ने ‘एवेनगार्ड’ हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. रूस के अनुसार इस मिसाइल की चाल 33000 किलोमीटर प्रति घंटा है. रूस ने अपनी सेना में इसे शामिल कर लिया है.

चीन ने भी हाल ही में अपने पास हाइपरसोनिक मिसाइल ‘डोंगफेंग-41’ होने का दावा किया था. इस चीनी मिसाइल की मारक क्षमता 15000 किलोमीटर है. इस मिसाइल की गति 25 मैक है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई.

मिसाइलों की गति को मैक में प्रदर्शित किया जाता है. एक मैक की गति का मतलब ध्वनि की गति के बराबर चाल है. अमेरिका की रिम-161 एसएम-3 मिसाइल की गति 13.2 मैक है और मारक क्षमत 2500 किलोमीटर है. भारत के सबसे तेज ब्रह्मोस मिसाइल की गति 2.8 मैक है. यह 290 किमी तक मार कर सकती है.

हाइपरसोनिक मिसाइलों के निर्माण में भारत की स्थिति

रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) ने भारत की अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक मिसाइलों का निर्माण शुरू कर दिया है. इन मिसाइलों के परीक्षण के लिए ‘एक विंड’ टनल बनाया गया है.

रूस ने हाइपरसोनिक ICBM अवनगार्ड मिसाइल को सेना में शामिल किया

रूस ने आवाज की गति से 27 गुना तेज अवनगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइल को सेना में शामिल कर लिया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 28 दिसम्बर को इसकी घोषणा की.

अवनगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइल: एक दृष्टि

  • यह मिसाइल परमाणु क्षमताओं से लेस इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है. यह आवाज की गति से औसत 27 गुना तेजी से उड़ सकती है.
  • रूस का दावा है कि यह विश्व की सबसे तेज गति की मिसाइल है. इस मिसाइल की तेजी की वजह से कोई भी सिस्टम इससे बचाव नहीं कर सकता.
  • अवनगार्ड एक बार में दो मेगाटन न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम है.

क्या हैं हाइपरसोनिक मिसाइल?

हाइपरसोनिक मिसाइल आवाज की रफ्तार (1235 किमी प्रतिघंटा) से कम से कम 5 गुना तेजी से उड़ान भर सकती है. इस मिसाइल में क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल दोनों की विशेषताएं होती हैं. यह मिसाइल ‘सतह से सतह’ और ‘सतह से हवा’ में मौजूद लक्ष्य को भेदने में सक्षम है. तेज रफ्तार की वजह से ये मिसाइल रडार की पकड़ नहीं आते.